1.0 परिचय
‘ गैर-मुख्य’ अथवा ‘ गौण एवं दोषपूर्ण’ या ‘ गौण’ , ‘ द्वितीय’ , ‘ मध्यम ग्रेड’ , ‘ दूसरी पसंद’ , ‘ तीसरी पसंद’ ‘ दोषपूर्ण’ आदि जैसी शब्दावली सामान्यतया इस्पात व्यापार और उद्योग में प्रयोग की जाती है। यद्यपि, सामान्यतया बोलते समय ये उन उत्पादों को कवर करते हैं जो मुख्य नहीं हैं उदाहरणत: जिनकी प्रासंगिक मानक विशिष्टताओं के अनुसार जांच नहीं की गई है और वास्तविक विशेषताओं के आधार पर अमुख उत्पाद अथवा उत्पादों के वर्गीकरण के लिए कोई निर्धारित मानदंड अथवा परिभाषा नहीं है। इसके कारण व्यापार अथवा बंदरगाहों पर उत्पादों की वास्तविक पहचान में समस्या आती है। इसलिए गैर-मुख्य (गौण एवं दोषपूर्ण) इस्पात उत्पादों की उनकी विशेषताओं के आधार पर पहचान करने, दिशा-निर्देश/मानदंड विकसित करने के लिए एक प्रयास किया गया है। जो इस्पात उत्पाद इन मानदंडों के अनुसार नहीं हैं उन्हें एक मुख्य सामग्री के रूप में माना जा सकता है।
2.0 गैर-मुख्य (गौण एवं दोषपूर्ण) इस्पात उत्पादों की परिभाषा
2.1 गैर-मुख्य (गौण एवं दोषपूर्ण) इस्पात उत्पादों को निम्न प्रकार परिभाषित किया जा सकता है:
2.1.1 गैर-मानक आयामों के उत्पाद
गैर-मानक आयामों के उत्पादों से तात्पर्य अनुलग्नक-1 में दिए गए उत्पादों से है बशर्ते वे दोषों अथवा निम्नीकृत उत्पादों की भौतिक-रासायनिक कमियों को नहीं दर्शाते हैं और वे बिना किसी गांरटी अथवा गुणवत्ता के चिन्ह् के साथ विभिन्न अथवा विविध प्रारूपों में बेचे और डिलीवर किए जाते हैं।
नोट: सीमाशुल्क निरीक्षण के लिए डायमेन्शन्स का उल्लेख आयातकों द्वारा निर्मित पैकिंग सूची पर दिया जाना चाहिए ताकि नौवहन की विषमता की पुष्टि हो सके। प्रत्येक डायमेन्शन्स यदि एक अथवा अधिक गैर मानक डायमेन्शन उत्पाद 15 टन क्वायल अथवा अन्य अलग-अलग उत्पादों का डायमेन्शन 5 टन से अधिक है तो इन डायमेन्शनों को गैर मानक नहीं समझा जाना चाहिए।
2.1.2 निम्नीकृत उत्पाद
निम्नीकृत उत्पादों से तात्पर्य ऐसे लौह एवं इस्पात उत्पादों से है जिनमें निम्न दोष पाए जाते हैं: :
परवर्ती लेटर निम्न पहलुओं में से एक अथवा अधिक से संबंधित है: लम्बाई, चौड़ाई, पतलेपन, समतल, सीधापन, खंड।
नोट-I : यह नोट किया जाना चाहिए कि संविदा द्वारा कवर की गई संपूर्ण मात्रा को डाउनग्रेड किया जाता है जब मात्रा के 80 प्रतिशत में उल्लिखित दोषों में से एक या अधिक दोष होते हैं।
नोट-II : डाउनग्रेड करने के लिए 2.1.1 और 2.1.2 के तहत दिखाए गए ये आधार सीमाशुल्क क्लीयरेंस के समय दूसरी पसंद उत्पादों के भौतिक पहचान करने के लिए सभी आवश्यक ब्यौरों के साथ आयातको द्वारा घोषित किए जाने चाहिए।
नॉन स्टेंडर्ड डायमेन्शन्स के उत्पाद
4 टन से कम वाली एक इकाई भार के साथ क्वायल्स में फ्लैट रोल्ड उत्पाद
मिश्रित एचआर शीट्स, विभिन्न मोटाई, चौड़ाई और लम्बाई के गैर सजातीय बंडल
इलेक्ट्रिकल शीट्स सहित सीआर शीट्स और 3 टन से कम एक इकाई भार के साथ मिश्रित गैर-सजातीय बंडलों अथवा 3 टन से कम क्वायल्स में सभी प्रकार की कोटेड शीट (गल्वेनाइज्ड एवं इलेक्ट्रो गल्वेनाइज्ड, एल्यूमिनाइज्ड, टिन-प्लेटिड, क्रोम प्लेटिड, प्रि-पेंटिड तथा लैड कोटिड)
मिश्रित गैर सजातीय बंडल अथवा विभिन्न मोटाई, चौड़ाई और लम्बाई के स्टैक
गैर-श्रेणिकृत लम्बाई अथवा 6 मीटर से कम लम्बाई में।
250 किलोग्राम के तहत क्वायल्स में।
अनुलग्नक-II
सतही दोषों के मुख्य प्रकार
कारणों के आधार पर ये दोष भिन्न-भिन्न पहलू और मात्रा में किनारों पर कट्स, बैंट्स तथा डैंट्स का आकार लेते हैं।
ये दोष शीट्स अथवा प्लेट या एक सर्विस जो सतह के साथ एक्यूट एंगल बनाती है, के किनारे पर प्लेटर्नड मेटल स्ट्रिप के आकार में उत्पन्न होते है।
सीम्स लम्बवत क्रैक्स प्रतीत होते हैं लेकिन क्रॉस सेक्शन क्रैक्स में व्हील्स्ट सतह की ओर लम्बे होते हैं, सीम्स में छोटे एंगल होते हैं और कभी-कभी संपूर्ण लंबाई में होते हैं।
रंग हल्के पीले से लेकर तीखे नीले तक भिन्न-भिन्न होते हैं।
ये दोष ऑफ-कोटिंग (निर्धारित मूल्य से कम कोटिंग), कमजोर अवलंबन, खुदरी सतह, अन-कोटिड/काले धब्बे, सफेद जंग आदि को कवर करते हैं।
अनुलग्नक-III
आंतरिक दोष (भौतिक रासायनिक दोष)
भौतिक रासायनिक दोष इस्पात के विश्लेषणात्मक एवं अवसंरचनात्मक स्वरूप और/अथवा इस्पात में रेडियो एक्टिव तत्वों की उपस्थिति से संबंधित होते हैं।
ये दोष आंतरिक दोष हैं और ये संबंधित वाणिज्यिक गुणवत्ता की दृष्टि से उत्पाद को अप्रयोग्य बनाते हैं। सामान्यतया ये दोष जैसे स्पलिट एंड्स, ऑफ कैमिस्ट्री आदि नंगी आंखों से देखे नहीं जा सकते। इन दोषों का पता अल्ट्रासोनिक प्रणाली, मैकेनिकल और/अथवा रासानियक परीक्षणों द्वारा चलता है। रेडियो एक्टिव तत्व की उपस्थिति यदि कोई है तो, का पता रेडिऐशन मीटर से लगाया जा सकता है।
सतही दोष के साथ उत्पादों के मामले में आयातक को भौतिक-रासायनिक दोषों के साथ उत्पादों को घोषित करना चाहिए और दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत करने चाहिएं। मान्यताप्राप्त रासायनिक प्रयोगशाला सहित एक सक्षम प्रमाणीकरण एजेंसी की सहायता के साथ इन दोषों की सीमाशुल्क जांच की जा सकती है।